भाई दूज क्यों मनाया जाता है?

21 October, 2017
भाई दूज क्यों मनाया जाता है?

भाई दूज क्यों मनाया जाता है?

भाई दूज, भाई और बहन के बीच के प्यार का त्योहार है। यह त्योहार पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार का अपना महत्व है। इसको मनाए जाने का कारण भी है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार सूर्य की संज्ञा से दो संतानें थी एक पुत्र यमराज और दूसरी पुत्री यमुना। संज्ञा सूर्य का तेज सहन न कर सकी और छायामूर्ति का निर्माण करके अपने पुत्र और पुत्री को सौंपकर वहां से चली गईं। छाया को यम और यमुना से किसी प्रकार का लगाव न था, लेकिन यमराज और यमुना में बहुत प्रेम था। यमराज अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे, लेकिन ज्यादा काम होने के कारण अपनी बहन से मिलने नहीं जा पाते। एक दिन यम अपनी बहन की नाराजगी को दूर करने के लिए उनसे मिलने पहुंचे। भाई को आया देख यमुना बहुत खुश हुईं। भाई के लिए खाना बनाया और आदर सत्कार किया। बहन का प्यार देखकर यम इतने खुश हुए कि उन्होंने यमुना को खूब सारे भेंट दिए।

भाई दूज को यम द्वितीय भी कहते हैं। भाई दूज के दिन बहनें रोली और अक्षत से अपने भाई के माथे पर तिलक करती हैं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करती है। वहीं भाई, बहनों को उपहार देकर उनकी खुशियों को दोगुना कर देता है। इस दिन बहने भाई को तिलक लगाकर उन्हें लंबी उम्र का आशीर्वाद देती हैं। हिंदू धर्म ग्रन्थों के अनुसार भैया दूज को मृत्यु के देवता यमराज का पूजन किया जाता है। इस दिन ब्रज मंडल में बहनें अपने भाई के साथ यमुना स्नान करती हैष जिसका विशेष महत्व बताया गया है। बहनों को इस दिन अपने भाई के दीर्घ जीवन, कल्याण एवं उत्कर्ष हेतु तथा स्वंय के सौभाग्य के लिए अक्षत कुमकुम आदि से अष्टदल कमल बानकर इस व्रत का संकल्प कर मृत्यु के देवता की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। रक्षा बंधन की तरह ही भाई दूज का भी अपना ही महत्व है। साथ ही दीपोत्सव का समापन दिवस भी है।

टिका शुभ मुहूर्त-
इस वर्ष 21 अक्टूबर को भाई दूज का पर्व है और इस दिन अगर भाई को टीका शुभ मुहूर्त में करेंगे तो इस दिन की पूजा जरुर सफल होगी। इस दिन शुभ मुहूर्त है 1 बजकर 31 मिनट से शुरु होकर 3 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।


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